प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 21 फरवरी 2025 को नई दिल्ली स्थित भारत मंडपम में ‘स्कूल ऑफ अल्टीमेट लीडरशिप’ (SOUL) लीडरशिप कॉन्क्लेव के पहले संस्करण का उद्घाटन किया। इस दो दिवसीय कार्यक्रम में भूटान के प्रधानमंत्री शेरिंग तोबगे विशेष अतिथि के रूप में शामिल हुए। इस आयोजन का उद्देश्य विभिन्न क्षेत्रों के नेताओं को एक मंच पर लाकर नेतृत्व के विभिन्न पहलुओं पर विचार-विमर्श करना और युवा पीढ़ी को प्रेरित करना था।
उद्घाटन समारोह
उद्घाटन समारोह में प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि ‘स्कूल ऑफ अल्टीमेट लीडरशिप’ की स्थापना विकसित भारत की यात्रा में एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने कहा कि राष्ट्र निर्माण के लिए बेहतर नागरिकों का विकास आवश्यक है, और व्यक्ति निर्माण से ही राष्ट्र निर्माण संभव है। प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि ‘जन से जगत’ की अवधारणा के माध्यम से किसी भी ऊंचाई को प्राप्त किया जा सकता है।
भूटान के प्रधानमंत्री शेरिंग तोबगे ने भी अपने संबोधन में भारत और भूटान के बीच घनिष्ठ संबंधों पर प्रकाश डाला और इस तरह के आयोजनों की सराहना की, जो नेतृत्व कौशल को बढ़ावा देते हैं और क्षेत्रीय सहयोग को मजबूत करते हैं।
SOUL लीडरशिप कॉन्क्लेव का उद्देश्य
SOUL लीडरशिप कॉन्क्लेव का मुख्य उद्देश्य विभिन्न क्षेत्रों के अनुभवी नेताओं को एक मंच पर लाना है, ताकि वे अपनी जीवन यात्रा, नेतृत्व के अनुभव और दृष्टिकोण साझा कर सकें। इससे युवा और उभरते हुए नेताओं को प्रेरणा मिलेगी और वे अपने नेतृत्व कौशल को विकसित कर सकेंगे। कार्यक्रम में राजनीति, खेल, कला, मीडिया, आध्यात्म, सार्वजनिक नीति, व्यवसाय और सामाजिक क्षेत्र से जुड़े प्रमुख व्यक्तित्वों ने भाग लिया।
प्रमुख वक्ता और सत्र
दो दिवसीय कॉन्क्लेव में विभिन्न सत्रों का आयोजन किया गया, जहां प्रमुख वक्ताओं ने अपने विचार और अनुभव साझा किए। इनमें रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव, भारत के पूर्व प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़, भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर शक्तिकांत दास, ब्रह्मकुमारी की आध्यात्मिक नेता बी के शिवानी, शतरंज के विश्व चैंपियन डी. गुकेश, पीरामल समूह के प्रमुख अजय पीरामल और भारती एंटरप्राइजेज के चेयरमैन सुनील भारती मित्तल शामिल थे।
राजनीति और सार्वजनिक नीति
इस सत्र में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने भारतीय रेलवे में हो रहे नवाचारों और सुधारों पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि कैसे नेतृत्व और दूरदृष्टि के माध्यम से रेलवे को आधुनिक और सुलभ बनाया जा रहा है। पूर्व प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ ने न्यायपालिका में पारदर्शिता और न्यायिक सुधारों पर अपने विचार साझा किए, जिससे न्याय प्रणाली में जनता का विश्वास बढ़े।
आर्थिक और व्यावसायिक नेतृत्व
भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर शक्तिकांत दास ने भारतीय अर्थव्यवस्था की वर्तमान स्थिति और भविष्य की चुनौतियों पर चर्चा की। उन्होंने आर्थिक नीतियों में स्थिरता और नवाचार की आवश्यकता पर जोर दिया। पीरामल समूह के प्रमुख अजय पीरामल और भारती एंटरप्राइजेज के चेयरमैन सुनील भारती मित्तल ने उद्यमिता, नवाचार और सामाजिक उत्तरदायित्व के महत्व पर अपने अनुभव साझा किए।
आध्यात्म और समाज
ब्रह्मकुमारी की आध्यात्मिक नेता बी के शिवानी ने आंतरिक शांति, ध्यान और सकारात्मक सोच के माध्यम से नेतृत्व कौशल को सुदृढ़ करने के तरीकों पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि कैसे आध्यात्मिकता और नैतिक मूल्यों के माध्यम से एक सशक्त और संवेदनशील नेता बना जा सकता है।
खेल और युवा प्रेरणा
शतरंज के विश्व चैंपियन डी. गुकेश ने अपने खेल जीवन की चुनौतियों और सफलताओं को साझा किया। उन्होंने बताया कि कैसे समर्पण, अनुशासन और निरंतर अभ्यास से उच्चतम स्तर की सफलता प्राप्त की जा सकती है। उनके अनुभव ने युवा खिलाड़ियों और नेताओं को प्रेरित किया।
SOUL: एक परिचय
‘स्कूल ऑफ अल्टीमेट लीडरशिप’ (SOUL) गुजरात में स्थित एक अग्रणी नेतृत्व संस्थान है, जिसका उद्देश्य वास्तविक और समर्पित नेताओं का विकास करना है। यह संस्थान औपचारिक प्रशिक्षण, कार्यशालाओं और सेमिनारों के माध्यम से नेतृत्व कौशल को निखारता है। SOUL का लक्ष्य है कि राजनीतिक वंशावली से परे जाकर योग्यता, समर्पण और जनसेवा की भावना रखने वाले व्यक्तियों को नेतृत्व के क्षेत्र में आगे बढ़ाया जाए।
प्रधानमंत्री मोदी का दृष्टिकोण
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने SOUL लीडरशिप कॉन्क्लेव के आयोजन की सराहना करते हुए कहा कि यह मंच विभिन्न क्षेत्रों के लोगों को नेतृत्व के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा करने के लिए एक साथ लाता है। उन्होंने उम्मीद जताई कि वक्ता अपनी प्रेरणादायक जीवन यात्रा और प्रमुख मुद्दों पर अपने दृष्टिकोण साझा करेंगे, जो विशेष रूप से युवा दर्शकों को आकर्षित करेगा। प्रधानमंत्री ने इस बात पर भी जोर दिया कि नेतृत्व केवल पद या शक्ति का विषय नहीं है, बल्कि यह सेवा, समर्पण और समाज के प्रति उत्तरदायित्व का प्रतीक है।
निष्कर्ष
SOUL लीडरशिप कॉन्क्लेव का पहला संस्करण नेतृत्व के विभिन्न आयामों पर गहन चर्चा और विचार-विमर्श का एक महत्वपूर्ण मंच साबित हुआ। इसने विभिन्न क्षेत्रों के नेताओं को एक साथ लाकर अनुभवों और विचारों का आदान-प्रदान किया, जिससे युवा पीढ़ी को प्रेरणा मिली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भूटान के प्रधानमंत्री शेरिंग तोबगे की उपस्थिति ने इस आयोजन को और