दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में आम आदमी पार्टी (आप) की करारी हार के बाद, पार्टी के पूर्व सदस्य और वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने अरविंद केजरीवाल की नेतृत्व शैली और नीतियों पर गंभीर सवाल उठाए हैं। भूषण ने केजरीवाल को पार्टी की हार के लिए मुख्य रूप से जिम्मेदार ठहराया है, साथ ही पार्टी के मूल सिद्धांतों से विचलन और भ्रष्टाचार के आरोपों को भी उजागर किया है।
प्रशांत भूषण के आरोप
प्रशांत भूषण ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर अपने विचार साझा करते हुए कहा, “दिल्ली में आप की हार के लिए केजरीवाल काफी हद तक जिम्मेदार हैं। एक पार्टी जो वैकल्पिक राजनीति के लिए बनी थी, जिसे पारदर्शी, जवाबदेह और लोकतांत्रिक माना जाता था, उसे अरविंद ने जल्दी ही एक सुप्रीमो-प्रधान, अपारदर्शी और भ्रष्ट पार्टी में बदल दिया।”
भूषण ने आगे आरोप लगाया कि केजरीवाल ने पार्टी के लोकपाल की मांग को नजरअंदाज किया और अपने लिए 45 करोड़ रुपये का ‘शीश महल’ बनवाया, साथ ही लग्जरी कारों में घूमने लगे। उन्होंने यह भी कहा कि केजरीवाल ने पार्टी द्वारा गठित विशेषज्ञ समितियों की 33 विस्तृत नीति रिपोर्टों को यह कहते हुए रद्दी में डाल दिया कि पार्टी समय आने पर उचित नीतियां अपनाएगी।
पार्टी के मूल सिद्धांतों से विचलन
आम आदमी पार्टी की स्थापना भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई और पारदर्शी शासन के वादों के साथ हुई थी। हालांकि, समय के साथ, पार्टी के कई संस्थापक सदस्यों ने नेतृत्व की कार्यशैली और पार्टी की दिशा पर सवाल उठाए। प्रशांत भूषण और योगेंद्र यादव जैसे प्रमुख सदस्यों को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया गया, जिससे पार्टी के आंतरिक लोकतंत्र पर प्रश्नचिह्न लगा।
भ्रष्टाचार के आरोप और ‘शीश महल’ विवाद
केजरीवाल सरकार पर भ्रष्टाचार के कई आरोप लगे, जिनमें सबसे प्रमुख ‘शीश महल’ विवाद था। मुख्यमंत्री निवास के नवीनीकरण पर 45 करोड़ रुपये खर्च करने के आरोपों ने जनता के बीच नकारात्मक धारणा बनाई। इसके अलावा, शराब नीति में अनियमितताओं के आरोपों ने भी पार्टी की छवि को धूमिल किया।
राजनीतिक विश्लेषण
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि आप की हार के पीछे कई कारक हैं, जिनमें भ्रष्टाचार के आरोप, नेतृत्व की कार्यशैली, और पार्टी के मूल सिद्धांतों से विचलन प्रमुख हैं। प्रशांत भूषण के आरोपों ने इन मुद्दों को और अधिक उजागर किया है, जिससे पार्टी के भीतर और बाहर दोनों जगह बहस छिड़ गई है।
निष्कर्ष
दिल्ली चुनाव 2025 में आप की हार ने पार्टी के नेतृत्व और नीतियों पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। प्रशांत भूषण जैसे पूर्व सहयोगियों के आरोपों ने इस बहस को और गहरा किया है। भविष्य में, पार्टी को आत्ममंथन कर अपने मूल सिद्धांतों की ओर लौटने की आवश्यकता है ताकि जनता का विश्वास फिर से जीता जा सके।