colourcoverage.com

विदेश नीति में बदलाव: भारत ने नए रणनीतिक गठबंधन की दिशा में कदम बढ़ाया

विदेश नीति में बदलाव: भारत ने नए रणनीतिक गठबंधन की दिशा में कदम बढ़ाया

विदेश नीति में बदलाव: भारत ने नए रणनीतिक गठबंधन की दिशा में कदम बढ़ाया

विदेश नीति में बदलाव: भारत ने नए रणनीतिक गठबंधन की दिशा में कदम बढ़ाया

भारत की विदेश नीति में हाल के वर्षों में महत्वपूर्ण परिवर्तन देखने को मिले हैं। वैश्विक परिदृश्य में शक्ति संतुलन, आर्थिक वैश्वीकरण, और तकनीकी नवाचार के चलते, भारत ने अपनी विदेश नीति को पुनर्परिभाषित करने और नए रणनीतिक गठबंधनों की दिशा में कदम बढ़ाने का निर्णय लिया है। इस लेख में हम विस्तार से जानेंगे कि किस प्रकार यह बदलाव भारतीय विदेश नीति के मौजूदा स्वरूप को नया मोड़ देने का प्रयास कर रहा है, और इसके संभावित प्रभाव, चुनौतियाँ एवं अवसर क्या हैं।

1. वैश्विक परिदृश्य में परिवर्तन

विश्व में शक्ति संतुलन में लगातार बदलाव आ रहे हैं। पारंपरिक महाशक्तियों के साथ-साथ नए उभरते देशों ने वैश्विक मंच पर अपनी पहचान दर्ज कर ली है। इस परिदृश्य में भारत ने यह महसूस किया है कि केवल पारंपरिक सहयोग पर निर्भर रहना अब पर्याप्त नहीं है।

2. भारत की नई विदेश नीति की दिशा

भारत ने अपने बाहरी संबंधों को केवल पारंपरिक सहयोग तक सीमित नहीं रखा है। नई विदेश नीति में नये रणनीतिक गठबंधन, द्विपक्षीय एवं बहुपक्षीय साझेदारियों का समावेश है। इस दिशा में उठाए गए प्रमुख कदम निम्नलिखित हैं:

5. नयी विदेश नीति के लिए भविष्य की दिशा

भारत की नई विदेश नीति ने न केवल आर्थिक, सुरक्षा एवं तकनीकी क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने की दिशा में कदम उठाया है, बल्कि यह आने वाले समय में वैश्विक मंच पर अपनी स्थिति मजबूत करने का एक सशक्त आधार भी प्रदान करेगी।

Exit mobile version